प्रदेश के जंगलों में हर साल बढ़ती वनाग्नि की घटनाओं को रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद- यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत के नेतृत्व में एक अभिनव प्रयास शुरू किया गया, जिसमें ’पीरूल’ की सूखी पत्तियों का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है।
इसी के तहत चंपावत जिले के भींगराड़ा क्षेत्र में एक बंद पड़े जूनियर हाईस्कूल भवन को पीरूल ब्रिकेट यूनिट के रूप में विकसित किया गया। इस कार्य में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून का तकनीकी सहयोग लिया गया।
यह यूनिट आज स्थानीय लोगों की आमदनी का साधन बन रही है और साथ ही जंगलों को आग से भी बचा रही है।