प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मुद्रा योजना ने न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करके महिलाओं को सशक्त बनाया बल्कि उनके व्यवसाय शुरु करने और उसे बढ़ाने के अवसर भी सृजित किए हैं। श्री मोदी ने कहा कि इस योजना ने मौन क्रांति के जरिए उद्यमिता के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। प्रधानमंत्री ने मुद्रा योजना की 10वीं वर्षगांठ पर नई दिल्ली में योजना के लाभार्थियों से बातचीत करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह योजना धन के दुरुपयोग को हतोत्साहित करते हुए जीवन और करियर बनाने का अवसर प्रदान करती है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत बिना किसी गारंटी के लोगों को 33 लाख करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह राशि अभूतपूर्व है।
श्री मोदी ने कहा कि योजना के माध्यम से रोजगार सृजन ने आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और लोगों की आय में वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने देश भर में लाभार्थियों और समूहों से परामर्श कर योजना की प्रगति की समीक्षा, सुधार के अवसरों की पहचान और भविष्य में आवश्यक सुधारों को लागू करने के महत्व पर बल दिया। श्री मोदी ने मुद्रा योजना का लाभ उठाने और उद्यम शुरू करने के लिए दूसरों को प्रोत्साहित करने के महत्व पर भी बल दिया। उन्होंने लोगों से कम से कम पांच से दस अन्य लोगों को प्रेरित कर आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत 52 करोड़ ऋण वितरित किए गए जो वैश्विक स्तर पर एक अद्वितीय उपलब्धि है। श्री मोदी ने कहा कि इस योजना ने वित्तीय समावेशन के अलावा सामाजिक समावेशन और आर्थिक स्वतंत्रता भी सुनिश्चित की है।
इस दौरान कई लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना सूक्ष्म और लघु उद्यमों को 20 लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी गारंटी के उपलब्ध कराती है।