THE HEADLINES::
⦁ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी के मेहदीगंज में तीन हजार आठ सौ करोड़ रुपये से अधिक की 44 परियोजनाओं का शुभारंभ किया। कहा- काशी अब केवल प्राचीनता का प्रतीक नहीं बल्कि विकास का एक आदर्श मॉडल भी है।
⦁ Prime Minister visits Anandpur Dham in Ashoknagar district of Madhya Pradesh.
⦁ विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा- कि अमरीकी नीति में बदलाव का हर क्षेत्र में गहरा तकनीकी प्रभाव पड़ा है।
⦁ Met department issues alert for increased activities of lightning and thunderstorm in several parts of Bihar for next five days.
⦁ चेन्नई में आईपीएल क्रिकेट में आज शाम कोलकाता नाइट राइडर्स का मुकाबला चेन्नई सुपर किंग्स से।
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And now, time for our segment Dateline India, in which we take a look at the developments taking place at the national or global level. Today, we will talk about World Parkinson’s Day and National Safe Motherhood Day.
First Dateline: World Parkinson’s Day.
हर साल 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसंस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पार्किंसंस के उपचार के बेहतर तरीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इससे पीड़ित लोगों की सहायता करना है।
But let us tell our listeners how this day came into existence?
Did you know listeners, a celebrated English surgeon, James Parkinson, wrote and published the ‘Essay on the Shaking Palsy’ in 1817. He identified a motor neuro disorder prevalent in older age. In his honour, the disease was named Parkinson’s disease.
हां, 1997 में, यूनाइटेड किंगडम की पार्किंसंस रोग सोसायटी ने जेम्स पार्किंसंस के जन्मदिन, 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसंस दिवस के रूप में नामित किया। इसके बाद, WHO ने मई 1997 में पार्किंसंस रोग पर कार्य समूह की स्थापना की। तब से, पार्किंसंस रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अपने समुदाय की बेहतर सेवा करने के लिए हर साल 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसंस दिवस मनाया जाता है।
Parkinson’s disease is a progressive neurodegenerative disorder that impairs movement and can lead to immobility and dementia over time. Neurodegenerative diseases are conditions that gradually damage and destroy parts of the nervous system, especially areas of the brain.
पार्किंसंस रोग आमतौर पर वृद्ध लोगों में होता है, लेकिन युवा लोग भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। महिलाओं की तुलना में पुरुष इससे अधिक प्रभावित होते हैं। पिछले 25 वर्षों में पार्किंसंस रोग का प्रसार दोगुना हो गया है।
While the exact cause of Parkinson’s disease is not fully known yet, but it is believed to involve a combination of genetic and environmental factors. It is primarily characterized by the loss of dopamine-producing neurons in the brain, leading to motor and non-motor symptoms.
धीमी गति से चलना, कंपन, कठोरता और चलने में कठिनाई, मानसिक स्वास्थ्य विकार, नींद की गड़बड़ी, दर्द और संवेदी समस्याएं इसके लक्षण में शामिल है।
We are sharing some care tips for patients:
Eat healthy food and maintain good hydration, including plenty of vegetables, fruits, and fibers in your diet, which can help with constipation which is quite common with this disease.
सक्रिय रहने की कोशिश करें, रोजाना व्यायाम करें और योग और ध्यान का अभ्यास करें। सहायता समूहों में शामिल हों क्योंकि इससे आपको यह अहसास होता है कि आप अकेले नहीं हैं
Patients should carry an identity card or GPS tracker, as there may be trouble with memory with disease progression.
Caregivers must learn more about Parkinson’s disease and its treatment – This way you can be actively involved in patient’s care.
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Second Dateline: National Safe Motherhood Day.
Also, listeners every year 11 April is celebrated as National Safe Motherhood Day.
वैसे तो राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाने का उद्देश्य महिलाओं की मातृ सुरक्षा को बढ़ावा देना है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं में सुरक्षित गर्भावस्था, प्रसव और प्रसव के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाना है।
Maternal health refers to the health of women during pregnancy, childbirth and the postnatal period. Each stage should be a positive experience, ensuring women and their babies reach their full potential for health and well-being.
इस वर्ष का विषय है “स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य।” यह गर्भावस्था के पहले दिन से ही हर माँ के लिए सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
यह अभियान माताओं और नवजात शिशुओं दोनों के स्वास्थ्य पर केंद्रित है। यह देखभाल की कमी के कारण होने वाली मातृ और शिशु मृत्यु को रोकने की पहल है।
Let me tell you that National Safe Motherhood Day was established in 2003 by the White Ribbon Alliance India. The date marks the birth anniversary of Kasturba Gandhi, wife of Mahatma Gandhi, who dedicated her life to the welfare of women and children.
श्रोताओं, एक माँ को इस पूरी यात्रा में समर्थन मिलना चाहिए। प्रसव पूर्व देखभाल होनी चाहिए, माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए गर्भावस्था के दौरान नियमित जाँच आवश्यक है।
Yes, after that Childbirth should be supervised by qualified and skilled healthcare professionals. Prompt medical attention must be available in case of complications or emergencies.
प्रसव के बाद माँ की निरंतर देखभाल उसके स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
We all must realise that Safe motherhood begins before conception with proper nutrition and a healthy lifestyle.
नियोजित गर्भावस्था, उचित प्रसवपूर्व देखभाल, तथा गर्भधारण से संबंधित समस्याओं का शीघ्र एवं प्रभावी उपचार, ये सभी मातृ देखभाल के लिए आवश्यक हैं।
Do you know ? Recovery of women from childbirth stress and their resumption of work and family responsibilities are mainly influenced by factors like work condition, e.g., the timing of return to work, work pressure, etc.
एक समय था जब संयुक्त परिवार का चलन था और पूरा परिवार मिलकर बच्चों की देखभाल करता था। अब स्थिति बदल गई है और समाज में एकल परिवारों की संख्या बढ़ गई है। वर्तमान परिदृश्य में बुजुर्गों के न होने से पूरी जिम्मेदारी माँ पर आ गई है।
But the plight of working mothers in the informal sector is even more deplorable. Neither crèche facility nor maternal benefits are accorded to them and low income worsens their condition.
“A mother is one who can take the place of all others but whose place no one else can take.” – Gaspard Mermillod
हर माँ प्यार और देखभाल की हकदार है।
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क्षेत्रीय संवाददाता:-
बिहार में नगर विकास और आवास विभाग ने पटना और आस पास के क्षेत्रों के लिए समेकित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना का लागू करने का निर्णय किया है। स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत यह कार्यान्वित होगा ।
प्रदेश में यह पहली बार है कि सार्वजनिक निजी भागीदारी यानी पीपीपी आधार पर बडे पैमाने पर ठोस कचरा कचरा प्रबंधन के लिए काम शुरु किया जा रहा है । सुनते हैं एक रिपोर्ट ::
राजधानी पटना और आस पास के क्षेत्र में ठोस कचरा का निस्तारण एक बड़ी समस्या है। एकीकृत प्रबंधन और निस्तारण से कचरा से कंचन बनाने की मुहिम को काफी बल मिलेगा । पटना क्लस्टर के अंतर्गत पटना शहर और आस पास के 11 नगर निकायों को लाभ मिलेगा । इसमें दानापुर, फतुहा, खगौल, फुलवारीशरीफ, संपतचक जैसे क्षेत्र शामिल है । यह कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपादित हो सके इसके लिए केंद्र सरकार वायाबिलिटी गैप फंड – वीजीएफ फंड के अंतर्गत अनुदान भी प्रदान करेगी ।
स्वच्छ भारत मिशन टू प्वाइंट ओ के तहत नई तकनीक के उपयोग के इस्तेमाल से कचरा और अपशिष्ट निपटान के लिए काम किये जा रहे हैं । यह उसी का एक प्रमुख हिस्सा । इसमें कचरा उठाव, गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था, मैटेरियल रिकवरी केंद्र में कचरा प्रसंस्करण और कंपोस्ट बनाने को शामिल किया गया है । इस परियोजना में पांच सौ चौदह करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जायेगी ।
नगर विकास और आवास मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि पटना नगर निगम के लिए बैरिया यार्ड में 1600 टन कचरा का प्रतिदिन निस्तारण और प्रसंस्करण होगा । उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने इस पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है । यह कचरा से चमत्कार करने जैसा होगा ।
समेकित ठोस अपशिष्ट योजना के अंतर्गच 15 मेगावाट के एक बिजली संयंत्र की भी स्थापना की जायेगी इसके अलावा 100 टन प्रति दिन उत्पादन वाला एक बायो मिथिनेशन प्लांट भी काम करेगा जो बायोगैस उत्पादन करने में मदद करेगा । परिक्रमा के लिए पटना से धर्मेन्द्र कुमार राय ।
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The department of linguistics Assam University today started a 3 day international workshop on language documentation and digital archiving for the indigenous communities of northeast India. The three day international workshop is being organised in collaboration with the department of anthropology in University of North Texas, United States of America. The workshop will focus on language documentation and digital archiving using Mukurtu for indigenous communities of northeast India.
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हरियाणा को नशा मुक्त करने और युवाओं को नशे से बचाने की मुहिम के साथ हिसार से ड्रग फ्री हरियाणा के संदेश के साथ चली साइक्लोथॉन को प्रदेश के हर जिले में जोरदार समर्थन मिल रहा है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने साइक्लोथॉन रैली को हिसार से रवाना करते हुए कहा था कि ड्रग फ्री हरियाणा अभियान के तहत निकाली जा रही इस साइक्लोथॉन के संदेश की गूंज प्रदेश के कोने-कोने तक जाएगी और युवा पीढ़ी को नशे के विरुद्ध जागरूक करने में अहम भूमिका निभाएगी। कल यह साइक्लोथॉन नूहं, बल्लबगढ़ होते हुए फरीदाबाद पहुंची थी आज फिर मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने फरीदाबाद से साइक्लोथोन को हरी झंडी दिखा कर आगे के गंतव्य के लिए रवाना किया। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, मंत्री राजेश नागर, पूर्व मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा भी मौजूद रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हरियाणा को ‘नशा मुक्त ’ बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा के युवा हरियाणा से नशे को जड़ से समाप्त करने के संकल्प के साथ इस यात्रा में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के बारे में एक प्रसिद्ध कहावत है – “देसा मां देश हरियाणा, जित दूध दही का ख़ाना।” हरियाणा की शान पहलवानी है, हमारा धाकड़ पहलवान, हमारा धाकड़ जवान, हमारा धाकड़ किसान, यही हरियाणा की पहचान है, इसलिए हरियाणा में नशे के लिए कोई स्थान नहीं है। परिक्रमा के लिए चंडीगढ़ से अश्विनी कुमार शर्मा
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The benchmark domestic equity indices today ended on a strong note following pause in reciprocal tariffs. The 30-share index at the Bombay Stock Exchange, Sensex, surged 1,310 points, or 1.77 per cent to close at 75,157. The National Stock Exchange Nifty-50 rose 429 points, or 1.92 per cent to settle at 22,829. The broader market indices at the BSE ended higher. The Mid-Cap index advanced over 1.8 per cent and the Small-Cap index jumped three per cent. In the global crude market, Brent Crude was trading over 0.4 percent up at 63 dollars and 62 cents per barrel, and WTI Crude was also trading over 0.6 percent up at 60 dollars and 47 cents per barrel, when reports last came in. In the Indian bullion market, 24-karat gold was trading up at 93,720 rupees per 10 grams, and silver 999 fine was also trading up at 93,170 rupees per kilogram, when reports last came in.
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खेल:-
आईपीएल क्रिकेट में आज चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स का सामना कोलकाता नाइट राइडर्स से होगा। ये मैच शाम साढे सात बजे शुरू होगा।
Now, we will take you on a tour of India’s freedom struggle, and recall events that happened on this day.
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और अब समय है उन व्यक्तित्वों को याद करने का, जिनकी आज है पुण्यतिथि या जन्मदिवस।
आज पुण्यतिथि है हिंदी साहित्य के सबसे सफल और प्रभावी लेखकों में से एक रहे उपन्यासकार फणीश्वर नाथ रेणु (4 मार्च 1921 – 11 अप्रैल 1977) की।साहित्य में मानव संबंधों की कहानियां की चर्चा हो तो बरबस जो चेहरा सामने आ जातावो चेहरा है फणीश्वर नाथ रेणु का. रेणु जी की गिनती मुंशी प्रेमचंद के बाद हिंदी साहित्य में आंचलिक कथाकार और उपन्यासकार के रूप में होती है। उनकी लेखनी केदीवानगी न केवल भारत में बल्कि विश्व के साहित्यकारों के बीच में है। 1954 में प्रकाशित हुए उनके पहले उपन्यास ‘मैला आंचल’ ने ही उन्हें हिंदी साहित्यिक जगत में स्थापित कर दिया। 1942 के स्वतंत्रता आंदोलन में इन्होंने खुलकर भाग लिया था और इस कारण जेल भी गए। उन्होंने अपने उपन्यास और कहानियों में ग्रामीण जीवन का गहन रागात्मक और रसपूर्ण चित्रखींचा है। उनकी विशिष्ट भाषा-शैली ने हिंदी कथा-साहित्य को एक नया आयाम प्रदानकिया।‘परती परिकथा’ उपन्यास और ‘मारेगये गुलफाम’ कहानी, जिस पर राजकपूर अभिनीत प्रसिद्ध फ़िल्म बनी, इसके साथ उनकी ख्याति और बढ़ गई। उपन्यास और कहानी के अतिरिक्त उन्होंने निबंध, रिपोर्ताज़,संस्मरण आदि गद्य विधाओं में भी लेखन किया।
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Vishnu Prabhakar (21 June 1912 – 11 April 2009)
writer. He had several short stories, novels, plays and travelogues to his credit. Prabhakar’s works have elements of patriotism, nationalism and messages of social upliftment.
honour of India) by the Government of India in 2004.
आज पुण्यतिथि है जाने माने हिंदी लेखक विष्णु प्रभाकर (21 जून1912 – 11 अप्रैल 2009) की, उनकी कृतियां हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर हैं। उन्होंने कई लघु कथाएँ,उपन्यास, नाटक और यात्रा वृत्तांत लिखे हैं। उन्हें1993 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1995 में महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार और 2004 में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। प्रभाकर की रचनाओं में देशभक्ति, राष्ट्रवाद और सामाजिक उत्थान के संदेश हैं। और विष्णु प्रभाकर हमेशा कहते थे- एकसाहित्यकार को सिर्फ यह नहीं सोचना चाहिए कि उसे क्या लिखना है, बल्कि इस पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए कि क्या नहीं लिखना है। विष्णु प्रभाकर कारेडियो में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने आकाशवाणी के दिल्ली केंद्र पर नाट्य निर्देशक के रूपमें काम किया और कई रूपक, एकांकी और नाटक लिखे, जो रेडियो पर प्रसारित हुए और बाद मेंप्रकाशित भी हुए। आइए आपको प्रसार भारती के अभिलेखागार से आपको सुनाते हैं कि विष्णु प्रभाकर ने रेडियो से टेलीविजन तक का सफर कैसे तय किया।
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Jamini Roy (11 April 1887 – 24 April 1972) painter One of India’s most loved artists, Jamini Roy is remembered for forging a unique Indian aesthetic for modern art by bringing together elements of traditional Bengali folk art and Kalighat patachitras, rendered in clean lines and earthy colours. He was honoured by the Government of India the award of Padma Bhushan in 1954.
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Joel Grey (born Joel David Katz; April 11, 1932) Actor, singer, dancer, photographer, and theatre director. He has won an Academy Award, a BAFTA Award, a Golden Globe Award, and a Tony Award for his performances in the Cabaret stage musical and film. He earned the Lifetime Achievement Tony Award at the 76th Tony Awards in 2023.
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हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के पहले ‘तानसेन’ और सुपरस्टार कहे जाने वाले के कुंदन लाल सहगल की आज जयंती है। के एल सहगल का नाम हिंदी फिल्मोंमें एक बेमिसाल गायक के रूप में विख्यात हैं। 1904 को जम्मू मेंजन्मे सहगल साहब ने अपने सिनेमा करियर में 185 गीत गाए और उनकेगीत आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं। के एल सहगल ने अपना पहला गीत 12साल की उम्र में जम्मू कश्मीर के राजा हरि सिंह के दरबार में गाया था। 13 साल की उम्र में जब उनकी आवाज में बदलाव आने लगा तो उन्हें अपनी आवाज बदलने और खोने का डरसताने लगा, जिसके बाद उन्होंने कई दिनों तक किसी बात हीनहीं की। साल 1932 में फिल्म ‘मोहब्बत के आंसू’ से उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा। इस सालउन्होंने दो और फिल्मों ‘सुबह का सितारा’ और ‘जिंदा लाश’ में भी अभिनय किया।
Saigal’s unique voice quality which was a mixture of baritone and soft tenor was the benchmark for most of the singers who followed him. In fact it remains the gold standard even today shining through very early and practically primitive recording technology.
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