आज विश्व टेलीविज़न दिवस है। यह दिन टेलीविज़न को लोगों की राय बताने, सिखाने, संचार और समझ बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1996 में एक प्रस्ताव के ज़रिए 21 नवंबर को इसके मनाये जाने की घोषणा की थी।
भारतीय टेलीविज़न नेटवर्क 23 करोड़ घरों के 90 करोड़ दर्शकों तक पहुंचता है। देश में इस वर्ष मार्च तक 918 निजी सैटेलाइट चैनल चल रहे थे, जो इसकी मज़बूती को दर्शाता है। यह दिन सूचना और प्रसारण मंत्रालय की देखरेख में मनाया जाता है।
आकाशवाणी और दूरदर्शन अपने आंतरिक और बाहरी कार्यक्रमों द्वारा जन संचार सेवा, विकास के संदेश फैलाने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
भारत में टेलीविज़न प्रसारण 15 सितंबर 1959 में प्रयोग के तौर पर शुरू हुआ था। इसकी शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो ने की थी। बाद में 1965 में इसका नियमित प्रसारण शुरू हुआ, जिससे दूरदर्शन की शुरुआत हुई, जो ऑल इंडिया रेडियो के अंदर एक समर्पित टेलीविज़न सेवा थी।
मीडिया और मनोरंजन विभाग ने वर्ष 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था में दो हजार पांच सौ खरब रुपये का योगदान दिया और वर्ष 2027 तक इसके तीस अरब रुपये से अधिक होने का अनुमान है।