राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि महिला शांति सैनिकों की स्थानीय समुदायों तक बेहतर पहुंच होती है और वे महिलाओं तथा बच्चों के लिए आदर्श के रूप में काम कर सकती हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि वे लिंग आधारित हिंसा से निपटने, विश्वास बनाने और संवाद को बढ़ावा देने के लिए बेहतर साबित होती है। राष्ट्रपति ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में ग्लोबल साउथ की महिला शांति सैनिकों के एक समूह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
राष्ट्रपति ने कहा कि शांति मिशन में महिलाओं की उपस्थिति इसे और अधिक विविधतापूर्ण और समावेशी बनाती है। उन्होंने कहा कि अधिक महिला कर्मियों वाले शांति मिशन हिंसा कम करने और दीर्घकालिक शांति समझौते हासिल करने में अधिक प्रभावी रहे हैं, इसलिए संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में अधिक महिलाओं को शामिल किया जाना चाहिए।
महिला शांति सैनिक “शांति स्थापना में महिलाएँ: एक ग्लोबल साउथ परिप्रेक्ष्य” विषय पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए इन दिनों नई दिल्ली में हैं। यह कार्यक्रम विदेश मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित किया है।