सरकार ने कहा है कि हिंसा से प्रभावित और संकटग्रस्त महिलाओं को एक ही छत के नीचे एकीकृत कानूनी सहायता और सहायता प्रदान करने के लिए देश भर में 864 वन स्टॉप सेंटर कार्यरत हैं। ये केंद्र ज़रूरतमंद महिलाओं को चिकित्सा सहायता, अस्थायी आश्रय, पुलिस सहायता और मनो-सामाजिक परामर्श जैसी सेवाएँ भी प्रदान करते हैं। लोकसभा में एक लिखित उत्तर में, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने बताया कि 2015 में इसकी स्थापना के बाद से देश में 12 लाख 67 हज़ार से ज़्यादा महिलाओं को सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों के साथ मिलकर मंत्रालय महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण सहायता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।