उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कल एक दिवसीय उत्तर प्रदेश दौरे पर रहे। इस दौरान उन्होंने गोरखपुर और चित्रकूट जिलों में अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
गोरखपुर में पूर्वी उत्तर प्रदेश के पहले सैनिक स्कूल का शुभारंभ करने के बाद उन्होंने वहां आयोजित एक समारोह को संबोधित किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा वह माध्यम है जो परिवर्तन लाती है तथा समाज की बुराइयों और कुरीतियों को मिटाती है। उन्हें गोरखपुर सैनिक स्कूल आकर बहुत खुशी हो रही है, क्योंकि वे स्वयं सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के पूर्व छात्र हैं।
नवनिर्मित स्कूल के बुनियादी ढांचे की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह सैनिक स्कूल सर्वोत्तम सुविधाओं और बुनियादी ढांचे में से एक है, जो देश के अन्य सैनिक स्कूलों और सैन्य स्कूलों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से कहा कि वे असफलता से न घबराएं, क्योंकि यही सफलता की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि आज का भारत एक बदला हुआ देश है और सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने जैसे कई साहसिक फैसले लिए हैं।
राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि गोरखपुर नेपाल, पश्चिमी बिहार और पूर्वांचल क्षेत्र में रहने वाली लगभग तीन करोड़ की आबादी के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का केंद्र है।
गोरखपुर सैनिक स्कूल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है और यह पूर्वी उत्तर प्रदेश का पहला सैनिक स्कूल और उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा संचालित दूसरा सैनिक स्कूल है।
समारोह के बाद उपराष्ट्रपति अपनी पत्नी के साथ शहर के गोरखधाम मंदिर भी गए और वहां दर्शन पूजन किया।
इसके बाद उपराष्ट्रपति चित्रकूट जिले में पहुंचे। वहां उन्होंने जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में आधुनिक जीवन में ऋषि परंपरा विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता की।
अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऋषि परंपरा के कारण ही भारत को पूरे विश्व में शक्तिशाली माना जाता रहा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया में किसी भी देश के पास भारत जैसी सांस्कृतिक विरासत नहीं है।