उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि भारतीय कला, खास तौर पर नृत्य, संघर्ष और मतभेद से विभाजित दुनिया में एकजुटता का एक मॉडल पेश करती है। उन्होंने सीमाओं के पार लोगों को एकजुट करने के लिए भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय कला प्रकाश स्तम्भ का कार्य करती है। नई दिल्ली में भारतीय नृत्य पर अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा नृत्य कलाकार सांस्कृतिक और शांति के दूत हैं, जो संवाद को बढ़ावा देते हैं और शांत कूटनीतिक युद्धाभ्यास के लिए आधार भी तैयार करते हैं। उपराष्ट्रपति महाकाव्यों के माध्यम से वैश्विक संस्कृति पर भारत के ऐतिहासिक प्रभाव पर भी जोर दिया।