उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम है और यह युवाओं को अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का पूरा उपयोग करने का अवसर प्रदान करती है। आज नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाषाओं की समृद्धि के मामले में भारत एक अनूठा देश है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा के महत्व पर जोर दिया गया है।
श्री धनखड़ ने सभी से कम से कम एक व्यक्ति को साक्षर बनाने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि किसी को साक्षर बनाना मानवता की सेवा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश को अब आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। श्री धनखड़ ने कहा कि सड़क संपर्क, स्कूल, बिजली, शौचालय और इंटरनेट सेवा के गांवों तक पहुंचने से देश सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है।