मत्स्य-पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने वर्ष 2030 तक खुरपका और मुंहपका रोग से मुक्ति के लिए विभाग के उपायों की समीक्षा की है। केंद्र सरकार कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और गुजरात सहित अन्य राज्यों में इन रोगों से मुक्त-क्षेत्र बनाना चाहती है। श्री सिंह ने कहा कि पशुधन, देश की अर्थव्यवस्था और किसानों की आजीविका दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि खुरपका और मुंहपका के कारण प्रतिवर्ष लगभग 24 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है और इन पर नियंत्रण से दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा।
श्री सिंह ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि सभी पशु टीके घरेलू स्तर पर बनाए जाते हैं और अब भारत टीका निर्यात करने की स्थिति में है। उन्होंने यह भी कहा कि खुरपका-मुंहपका से बचाव के लिए भेड़-बकरियों को टीका लगाने का काम तेज़ किया गया है। लद्दाख में टीकाकरण पहले से ही चल रहा है।
बैठक में मत्स्य-पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल भी उपस्थित थे।