केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमिल सहित क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है।
थाक्कोलम में सीआईएसएफ के 56वें स्थापना दिवस पर श्री शाह ने तमिलनाडु की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के महत्व पर जोर दिया और राज्य की भाषा और सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि तमिल भाषा, संस्कृति और परंपराएं भारतीय संस्कृति का अनमोल आभूषण हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु को जल्द से जल्द तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम शुरू करने चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल तमिल लोगों की जड़ें मजबूत होंगी बल्कि उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में समान अवसर भी मिलेंगे। गृहमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु ने राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और सरकार ने राजादित्य चोलन के गौरव को पहचाना है। उनके नाम पर सीआईएसएफ क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र का नाम रखा गया है।
सीआईएसएफ की प्रशंसा करते हुए श्री शाह ने कहा कि सीआईएसएफ राष्ट्र विकास का एक हिस्सा रहा है और देश की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर सेवाएं प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि 2019 से सरकार ने देश के अन्य हिस्सों में सीआईएसएफ स्थापना दिवस आयोजित करने का निर्णय लिया है। श्री अमित शाह ने कहा कि बल के 22 अनुकरणीय सैनिकों को पदक देना सम्मान की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि 2027 में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
श्री शाह ने कहा कि तटीय साइक्लोथॉन रैली का उद्देश्य गांवों में रहने वाले लोगों को देश की सुरक्षा में सीआईएसएफ के काम के बारे में जागरूक करना है। श्री शाह ने कहा कि सीआईएसएफ ट्रेनों, मेट्रो, हवाई अड्डों और बंदरगाहों से यात्रा करने वाले एक करोड़ यात्रियों की भी सुरक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ देश के ढाई सौ बंदरगाह को सुरक्षा प्रदान कर रहा है।
गृह मंत्री ने कहा कि सीआईएसएफ की महिला कर्मियों को 124 बैरक दिए गए हैं। श्री अमित शाह ने वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं शुरू करने में सरकार की उपलब्धियों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि सरकार तीन लाख सीआईएसएफ कर्मियों के परिवारों को स्वास्थ्य देखभाल प्रदान कर रही है। गृह मंत्री ने बताया कि सीआईएसएफ कर्मियों ने प्रधानमंत्री के एक पेड़ मां के नाम अभियान में भी योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार कार्मिकों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेष योजना चला रही है। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में एक करोड़ से अधिक लोगों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है।
इससे पहले गृह मंत्री ने परेड का निरीक्षण किया और सीआईएसएफ के 127 शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने तटीय साइक्लोथॉन, सुरक्षित तट, समृद्ध भारत का भी वर्चुअल उद्घाटन किया, जो पश्चिमी और पूर्वी तट से एक साथ शुरू होगा।
गुजरात के लखपत किले और पश्चिम बंगाल के बक्खाली से यात्रा करने वाले प्रत्येक समूह में कुल 25 सीआईएसएफ कर्मी हैं। यह रैली तटीय सुरक्षा, स्थानीय समुदाय के साथ सहयोग के बारे में जागरूकता फैलाएगी, जो लगभग छह हजार दो सौ किलोमीटर की दूरी तय करेगी और 31 मार्च को कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानंद स्मारक पर समाप्त होगी। ईस्ट कोस्ट साइकिल रैली पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुद्दुचेरी को पार करेगी और वेस्ट कोस्ट साइकिल रैली गुजरात, दीव, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु को पार करेगी। इस अवसर पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन भी उपस्थित थे।