केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज नई दिल्ली में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कामकाज की समीक्षा की। बैठक के दौरान, वित्त मंत्री ने जमा वृद्धि, ऋण-से-जमा अनुपात और परिसंपत्ति गुणवत्ता की समीक्षा की। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री सूर्य घर और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना जैसी सरकारी पहलों के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन की भी समीक्षा की।
जमा राशि जुटाने पर विचार-विमर्श के दौरान, श्रीमती सीतारामन ने कहा कि ऋण वृद्धि में तेजी आई है, ऋण वृद्धि को निरंतर रूप से वित्तपोषित करने के लिए जमा राशि जुटाने में और सुधार किया जा सकता है। उन्होंने बैंकों से विशेष अभियान चलाकर जमा राशि जुटाने के लिए प्रयास तेज करने को कहा है। इस दौरान वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बेहतर ग्राहक सेवा वितरण के लिए अपने ग्राहकों के साथ अच्छे संबंध बनाने की भी सलाह दी।
उन्होंने बैंकों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि कर्मचारी ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अपने ग्राहकों तक पहुंचें।
श्रीमती सीतारामन ने बैंकों को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल-एनसीएलटी और नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी-एनएआरसीएल द्वारा प्रस्तावित समाधान और वसूली के दायरे को अनुकूलित करने की सलाह दी।
वित्त मंत्री ने सलाह दी कि साइबर सुरक्षा के मुद्दों को प्रणालीगत दृष्टिकोण से देखा जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि साइबर क्षेत्र के जोखिमों के खिलाफ आवश्यक उपाय करने के लिए बैंकों, सरकार, नियामकों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण आवश्यक है।
श्रीमती सीतारामन ने बैंकों से ताजा बजट घोषणाओं को तेजी से लागू करने को कहा। केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा बैंकों को प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना जैसी केंद्र सरकार की विभिन्न पहलों के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों के लिए ऋण प्रवाह को और बढ़ाने पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद श्रीमती सीतारामन की बैंकों की यह पहली समीक्षा बैठक थी। इसमें वित्तीय सेवा विभाग के सचिव डॉ. विवेक जोशी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।