केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता केंद्र में शामिल होने के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दे दी है। यह एक वैश्विक मंच है जो दुनिया भर में सहयोग और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इसमें भारत की भागीदारी से निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था में परिवर्तन लाने और ऊर्जा संरक्षण में मदद मिलेगी। यह कदम हरितगृह गैस उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों के अनुरूप है और सतत विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस निर्णय से भारत को रणनीतिक ऊर्जा के तरीकों और नए समाधानों को साझा करने वाले विशिष्ट 16 देशों के समूह तक पहुंच हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश ऊर्जा-दक्षता प्रौद्योगिकियों और अत्याधुनिक तरीकों को बढ़ावा देकर जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में भी योगदान देगा।
जुलाई 2024 तक अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, रूस, सऊदी अरब, संयुक्त राज्य अमरीका और ब्रिटेन सहित 16 देश हब में शामिल हुए हैं।