केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने कल पांच भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इनमें पाली भाषा भी है, जिसका उद्गम स्थल मगध क्षेत्र है। यह बौद्ध शास्त्रों की भाषा है, जो पुरातन भारतीय-आर्य वेद और संस्कृत से संबंधित है, लेकिन मूल रूप से इनमें से किसी से भी संबंध नहीं रखती है। पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने से केन्द्र सरकार की ओर से अनेक लाभ मिलेंगे, जिससे इसके अध्ययन और संरक्षण को प्रोत्साहन मिलेगा। बौद्ध भारतीय अध्ययन सांची विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर वैद्यनाथ लाभ ने आकाशवाणी से कहा कि सरकार के इस कदम से पाली भाषा के अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा तथा इसकी समृद्ध विरासत को संरक्षित किया जा सकेगा।
Site Admin | अक्टूबर 4, 2024 6:13 अपराह्न
केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने पांच भारतीय भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के प्रस्ताव का किया अनुमोदन
