भगवान बिरसा मुंडा की विरासत को याद करने के लिए देश भर के शैक्षणिक संस्थानों में जनजातीय गौरव पखवाड़ा मनाया जा रहा है। देश भर में मनाया जाने वाला यह उत्सव भारत की समृद्ध जनजातीय विरासत और जनजातीय समुदायों के योगदान का सम्मान करता है। हमारे संवाददाता ने बताया कि सरकार ने जनजातीय समुदायों के विकास और उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
आदिवासी समुदायों की भलाई केंद्र सरकार का लगातार ध्यान केंद्रित रहा है। पिछले एक दशक में जनजातीय क्षेत्रों में 1.5 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए हैं, जिससे स्वच्छता में सुधार हुआ है और बीमारियों का प्रसार कम हुआ है। पिछले साल शुरू किए गए राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन ने 4.6 करोड़ से अधिक आदिवासियों की जांच की है।
पीएम-जनमन के तहत, 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) और 45 लाख से अधिक परिवारों को समर्पित 24 हजार करोड़ रुपये दूरदराज के आदिवासी समुदायों के लिए जीवन रेखा हैं। इस साल सरकार ने आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू किया है।
इसमें 63 हजार गांवों को शामिल किया गया है और 5 करोड़ जनजातीय लोगों को लाभान्वित किया गया है, जिसका लक्ष्य 100% लाभ पहुंचाना है।