जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने कहा है कि सिकल सेल रोग के बारे में सबसे बड़ा भ्रम यह है कि इससे केवल जनजातीय लोग ही प्रभावित होते हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स, नई दिल्ली में आज इस रोग के बारे में जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक होना चाहिए क्योंकि यह किसी को भी प्रभावित कर सकती है। श्री ओराम ने कहा कि इस रोग की जांच के लिए ग्राम पंचायतों और आंगनवाड़ी में जमीनी स्तर पर काम किया जाना जरूरी है। इस रोग की रोकथाम में सभी मंत्रालयों, विभागों, संस्थाओं का एक-दूसरे के साथ सहयोग किया जाना आवश्यक है।
श्री ओराम ने इस अवसर पर सिकल सेल के रोगियों से हालचाल भी पूछा।
आकाशवाणी समाचार से बातचीत में रक्तविज्ञान के प्रोफेसर डॉक्टर प्रभाष मिश्रा ने बताया कि इस रोग की पहचान के लिए आसपास के क्षेत्रों में इस रोग की प्रभावी और किफायती जांच-पडताल का प्रबंध होना चाहिए।
आकाशवाणी से बातचीत में हेमोटो-ऑन्कोलॉजिस्ट यानि रक्त कैंसर डॉक्टर दिनेश पेंढारकर ने कहा कि इस रोग से प्रभावित लोगों को तुरंत पास के स्वास्थ्य केंद्र में जाना चाहिए।
सिकल सेल रोग के उपचार और शोध के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।