कोलकाता में हाल ही में हुए रेजिडेंट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले की सुनवाई आज सर्वोच्च न्यायालय में होगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। पश्चिम बंगाल के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और चिकित्सक समुदाय को संकट में डाल दिया। कलकत्ता उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई पहले से ही हो रही है। उच्च न्यायालय ने मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंपने का आदेश दिया था।
पीड़ित महिला के माता-पिता और कुछ अन्य लोगों ने पुलिस की जांच से अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। न्यायालय ने भी पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की। इस मामले से निपटने के पुलिस के तौर-तरीके पर शुरू से ही सवाल उठ रहे थे। राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि पुलिस दोषी को बचाने के लिए व्यापक रूप से लीपापोती में लगी हुई है। 15 अगस्त की रात महिलाओं के प्रदर्शन के दौरान अस्पताल में हुए हमले से इस आरोप को और बल मिला। हमलावरों ने अस्पताल के आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़ की। भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि यह सबूतों को मिटाने की एक और कोशिश थी। सोशल मीडिया पर पोस्ट में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि कोलकाता पुलिस ने पीड़ित डॉक्टर का विसरा बदल दिया। उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया।