सर्वोच्च न्यायालय ने आज पश्चिम बंगाल के स्कूलों में 25,000 से अधिक शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि पूरी चयन प्रक्रिया में धोखाधड़ी हुई है और इसकी विश्वसनीयता और वैधता खत्म हो गई है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि पश्चिम बंगाल के स्कूलों में नई चयन प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी की जानी चाहिए। इस प्रक्रिया में बेदाग उम्मीदवारों के लिए छूट भी दी जा सकती है। अदालत ने मानवीय आधार पर विकलांग कर्मचारियों के लिए छूट देते हुए कहा कि वे नौकरी में बने रहेंगे।
भर्ती विवाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो से जांच के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर कल सुनवाई होगी।