सर्वोच्च न्यायालय ने एक दलित विद्यार्थी को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), धनबाद में प्रवेश सुनिश्चित कर बड़ी राहत दी है। इस विद्यार्थी को पैसे जुटाकर ऑनलाइन प्रवेश शुल्क जमा कराने में कुछ मिनटों की देर हो गई थी और वह प्रवेश से वंचित हो गया था। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को आईआईटी धनबाद के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में सीट दी जाए।
शीर्ष न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को उसी बैच में प्रवेश दिया जाए जिसके लिए उसका चयन हुआ था और वे सभी लाभ भी उपलब्ध कराए जायें जिनके लिए वह पात्र है।