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अप्रैल 16, 2025 7:45 अपराह्न

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सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम- 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया

सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने आज वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस पर कोई अंतरिम आदेश जारी नहीं किया। केंद्र ने शीर्ष अदालत द्वारा उठाए गए तीन बिंदुओं पर अपनी दलीलें तैयार करने के लिए और समय मांगा। अब शीर्ष अदालत इस मामले पर कल सुनवाई करेगी।

 

    मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि वक्‍फ बाई यूज़र को कैसे अस्वीकृत किया जा सकता है, क्योंकि कई लोगों के पास ऐसे वक्फ पंजीकृत कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज नहीं होंगे।

 

    तीन न्यायाधीशों की पीठ ने नए वक्फ अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतरिम आदेश पारित करने पर विचार किया। पीठ ने तीन प्रमुख बिंदु उठाए। न्यायालय ने कहा कि जब तक इस कानून पर सुनवाई हो रही है तब तक वक्फ के रूप में घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाना चाहिए, चाहे वे वक्फ-बाय-यूजर या वक्फ बाय डीड हों।

 

न्यायालय ने कहा कि वह संशोधन अधिनियम के इस प्रावधान को भी प्रभावी नहीं होने देगी कि जिलाधिकारी द्वारा संपत्ति सरकारी भूमि है या नहीं, के बारे में जांच जारी रहने तक वक्फ संपत्ति को वक्फ नहीं माना जाएगा।

 

न्यायालय ने यह भी कहा कि वह आदेश देगा कि वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद के सिवाय पदेन सदस्यों को छोड़कर सभी सदस्‍य मुस्लिम होने चाहिए, हालांकि, न्यायालय द्वारा सुझाया गया अंतरिम आदेश आज पारित नहीं हुआ।

 

सुनवाई के अंत में मुख्‍य न्‍यायाधीश खन्ना ने वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ पश्चिम बंगाल में भड़की हिंसा पर चिंता व्यक्त की।