देश में खुदरा मुद्रा स्फीति की दर जुलाई 2019 के बाद से अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। आज सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में अप्रैल में खुदरा मुद्रा स्फीति की दर तीन दशमलव एक-छह प्रतिशत रही, जो मार्च में तीन दशमलव तीन-चार प्रतिशत थी। ग्रामीण क्षेत्रों में दो दशमलव नौ-दो प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में तीन दशमलव तीन-छह प्रतिशत की मुद्रा स्फीति दर्ज की गई।
पूरे देश के उपभोक्ता खाद्य मूल्य मुद्रा स्फीति पर आधारित खाद्य मुद्रा स्फीति दर फिलहाल एक दशमलव सात-आठ प्रतिशत बताई गई है जो मार्च में दो दशमलव छह-नौ प्रतिशत थी। ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य मुद्रा स्फीति दर मार्च के दो दशमलव आठ-दो प्रतिशत से कम होकर एक दशमलव आठ-पांच प्रतिशत पर आ गई।
इसी तरह शहरी क्षेत्र में इसका आंकडा अप्रैल में एक दशमलव छह-चार प्रतिशत रहा, जो मार्च में दो दशमलव चार-आठ प्रतिशत था। मंत्रालय ने कहा कि खाद्य मुद्रा स्फीति की दर अक्तूबर 2021 के बाद से न्यूनतम स्तर पर है।
मंत्रालय के अनुसार अप्रैल में सब्जियों, दाल और अन्य उत्पाद, फल, मांस-मछली इत्यादि के मूल्यों में आई गिरावट से मुद्रा स्फीति कम हुई है।