गृह मंत्री अमित शाह ने न्यायिक हस्तक्षेप की गुंजाइश को कम करने के लिए कानूनों का मसौदा तैयार करने में विधायी स्पष्टता के महत्व पर जोर दिया। गांधीनगर में विधायी प्रारूपण कार्यशाला में गुजरात विधानसभा के विधायकों को संबोधित करते हुए, श्री शाह ने कहा कि प्रारूपण में जितनी अधिक अस्पष्टता होगी, न्यायिक व्याख्या की गुंजाइश उतनी ही अधिक होगी।
उन्होंने कहा कि स्पष्ट और दोषरहित कानून न केवल इसके कार्यान्वयन में, बल्कि लोकतांत्रिक प्रणाली में परिवर्तन लाने में भी सहायता करता है । श्री अमित शाह ने सदन के सदस्यों से भविष्य के कानून की स्पष्टता, तर्क और व्यावहारिकता को बढ़ाने के लिए विधायी प्रारूपण में प्रशिक्षण लेने का आग्रह किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष शंकर चौधरी भी उपस्थित थे।