आज लोकसभा में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू के द्वारा भारतीय वायुयान विधेयक पेश किया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारतीय विमानन अधिनियम वर्ष 1934 में लाया गया और इसके बाद उसमें समय-समय पर कई संशोधन किए गए। उन्होंने बताया कि इन संशोधनों ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) जैसे आंतरिक संगठनों के कामकाज के मामलों में बहुत सारी अस्पष्टता और विरोधाभास पैदा किए। ऐसे में भारतीय वायुयान विधेयक इन मामलों पर स्पष्टता रखेगा।
यह विधेयक केंद्र सरकार को किसी भी विमान या विमान की श्रेणी के लिए नियम बनाने और विमान संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अधिकार देता है। इसका उद्देश्य सरकार को किसी भी हवाई दुर्घटना की जांच के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है।