सावन का पवित्र माह कल पूर्णिमा तिथि पर विशेष पूजा-अर्चना के साथ सम्पन्न हो गया। इस बार सावन में यह सुखद संयोग भी रहा कि इसका आरम्भ और समापन दोनों ही सोमवार के दिन हुआ। सावन के आखिरी सोमवार को देवाधिदेव महादेव का जलाभिषेक और दर्शन-पूजन करने के लिए कल प्रदेश भर के शिवालयों में शाम तक भक्तों की कतारें लगी रहीं। अयोध्या में सावन के अन्तिम सोमवार पर बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने सरयू में स्नान कर सिद्धपीठ नागेश्वर नाथ पर जलाभिषेक किया। कानपुर नगर में स्थित आनंदेश्वर, सिद्धेश्वर नाथ, भूतेश्वर नाथ, वनखंडेश्वर, थानेश्वर, कोतवालेश्वर, झगड़ेश्वर, महादेव समेत अन्य सभी शिवालयों में भी भक्तों की भीड़ लगी रही।
बाराबंकी स्थित लोधेश्वर महादेव के पौराणिक शिव मंदिर में सावन के अन्तिम सोमवार पर विभिन्न जनपदों से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। यहां कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच लगभग पांच लाख श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का पूजन अर्चन और जलाभिषेक कर मनवांछित फल की कामना की। वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम समेत मारकंडेय महादेव और सारनाथ मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। सावन पूर्णिमा पर कल बाबा विश्वनाथ को तिरंगा राखी बांधकर भाई-बहन के प्यार को बनाए रखने का संदेश दिया गया।
गोरखपुर में सावन के पूरे माह शिवालयों पर शिवभक्तों की श्रद्धा का उमंग देखते ही बना। श्रावण मास का समापन पांचवें व अंतिम सोमवार की पूजा अर्चना के साथ कल हो गया। श्रद्धालुओं ने बड़े ही आस्था भाव के साथ भगवान शिव का जलाभिषेक किया। जनपद के प्रमुख शिव मंदिरों महादेव झारखंडी मंदिर, बाबा मुक्तेश्वर नाथ मंदिर, मानसरोवर मंदिर, पिपराइच स्थित बाबा मोटेश्वर नाथ मंदिर, भरोहोयाँ पीपीगंज स्थित भगवान भोलेनाथ मंदिर इत्यादि शिवलियों में श्रद्धालुओं का तांता सुबह से ही लगा रहा। हाथों में जल, दूध, भांग, बेलपत्र, धतूरा इत्यादि लिए श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ का जलाभिषेक कर अपनी आस्था निवेदित की। इसके साथ ही कल श्रावण मास का समापन हो गया।