रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फिर कहा है कि सरकार रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर को बढ़ावा देकर रक्षा से संबंधित आयात को कम करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि देश नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास और अनुसंधान तथा विकास को बढ़ावा दे रही है।
नौसेना के नाविक नवाचार और स्वदेशीकरण संगोष्ठी–स्वालंबन-2024 के तीसरे सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने यह विचार व्यक्त किए। श्री सिंह ने कहा कि नियमों को और सरल बनाकर सरकार ने रक्षा के एक मजबूत औद्योगिक वातावरण के निर्माण में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र को एक-दूसरे के साथ योगदान करने की जरूरत पर बल दिया है।
आज यह संगोष्ठी संपन्न हो गई है। स्वालंबन 2024 का उद्देश्य भारतीय नौसेना के नावचार और स्वदेशीकरण के प्रयासों को बढावा देना था। सम्मेलन में 115 से अधिक कंपनियों और स्टार्टअप ने भाग लिया। इसमें रक्षा से संबंधित उत्पादों का भी प्रदर्शन किया गया।
आकाशवाणी समाचार के साथ एक विशेष भेंट में वायस एडमिरल तरूण सोबती ने कहा कि स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों ने संबंधित क्षेत्र में नई-नई प्रौद्योगकी का पता लगाया है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शित उत्पादों में से अधिक के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।
प्रदर्शनी में तेलंगाना की एक कंपनी ने एक ऐसे ड्रोन की भी प्रदर्शनी की थी जिसका इस्तेमाल समुद्र में किया जा सकता है। आकाशवाणी समाचार से बातचीत करते हुए जोगाराव बोमन्ना ने बताया कि ड्रोन में एक थर्मल कैमरा भी लगा हुआ है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंटस की भी व्यवस्था है। यह ड्रोन समुद्र में चौबीस घंटे से अधिक घंटे कार्यरत रह सकता है।