राज्यसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा हुई। चर्चा की शुरुआत करते हुए डीएमके के तिरुचि शिवा ने कहा कि सरकार को दूरदृष्टि और प्रतिबद्धता के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य में निवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन जो 2017-18 में कुल बजट का दो दशमलव पांच प्रतिशत था, अब घटकर एक दशमलव नौ प्रतिशत रह गया है। श्री शिवा ने कहा कि सरकार को देश के गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों की स्वास्थ्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र को अधिक धन आवंटित करना चाहिए। उन्होंने सरकार से स्वास्थ्य बीमा पर वस्तु और सेवा कर-जीएसटी कम करने की भी मांग की।
भाजपा के डॉ. भागवत कराड ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया गया है। भारतीयों की औसत आयु जो 1951 में करीब 37 वर्ष थी, 2014 में बढ़कर 67 वर्ष हो गई और 2014 से 2024 तक यह बढ़कर 70 वर्ष से अधिक हो गई है। डॉ. कराड नं बताया कि पिछले दस वर्षों में शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के तहत चिकित्सा शिक्षा में भी सुधार देखा गया है। श्री कराड ने कहा कि 2014 में देश में केवल 383 मेडिकल कॉलेज थे और अब यह संख्या बढ़कर 780 हो गई है।
चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के अनुसार, वर्तमान सरकार ने 2025 तक स्वास्थ्य क्षेत्र पर सकल घरेलू उत्पाद का दो दशमलव पांच प्रतिशत खर्च करने का निर्णय लिया था लेकिन इस वर्ष के बजट में सकल घरेलू उत्पाद का एक दशमलव दो-आठ प्रतिशत ही आवंटित किया है। उन्होंने टीबी और डेंगू जैसी बीमारियों पर नियंत्रण और कुपोषण के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने कहा कि आज स्वास्थ्य संकट निजी स्वास्थ्य सेवा और पूंजीवाद पर निर्भरता के कारण है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य आवंटन को मानकीकृत करना, दवाओं पर पांच प्रतिशत फ्लैट जीएसटी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पेंशन देना और पूरे भारत में दिल्ली एम्स की संस्कृति को बढ़ावा देना स्वास्थ्य प्रणाली को दुरुस्त करने के तरीके हैं। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी के सांसद संदीप पाठक ने देशवासियों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की योजना, लक्ष्य, क्रियान्वयन और आवंटन पर सवाल उठाए।