विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर प्रसारित उस ज्ञापन को फर्जी बताया है जिसमें दावा किया गया है कि भारतीय दूतावासों का इस्तेमाल पश्चिम में आतंकवादियों को संगठित और प्रशिक्षित करने के लिए किया जा रहा है।
ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि भारत सरकार चरमपंथियों का मुकाबला करने के लिए अपने वाणिज्य दूतावासों को महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में विकसित कर रही है।