महाराष्ट्र में जिला प्रशासन ने अक्षय तृतीया के अवसर पर होने वाले बाल विवाह को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। जिला कलेक्टर दिलीप स्वामी ने जिला, तालुका और ग्राम स्तर के अधिकारियों को सतर्क रहने और ऐसी किसी भी घटना के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। बाल विवाह उन्मूलन के लिए जिला कार्यबल को विभागों में प्रयासों के समन्वय के लिए सक्रिय किया गया है।
एक अप्रैल, 2024 से अब तक कार्यबल ने बाल विवाह के 88 प्रयासों में हस्तक्षेप किया है। संबंधित कानूनों के तहत चार एफआईआर दर्ज की गई हैं।
बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अंतर्गत, लड़कियों के लिए विवाह की कानूनी उम्र 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष है। उल्लंघन करने पर दो साल तक की कैद, एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
लोगों को किसी भी संदिग्ध बाल विवाह की सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर 1098 और आपातकालीन सेवा नम्बर- 112 पर देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।