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दिसम्बर 14, 2024 6:52 पूर्वाह्न

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भारत के संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली-यात्रा पर लोकसभा में चर्चा आज भी जारी रहेगी

भारत के संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर लोकसभा में चर्चा आज भी जारी रहेगी। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी आज ही चर्चा का जवाब देंगे।

 

    संविधान को अंगीकार किये जाने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कल लोकसभा में दो दिन की चर्चा शुरू हुई। चर्चा की शुरूआत करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान ने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं पर विचार करते हुये राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है।

 

उन्‍होंने कहा कि 75 वर्ष पहले संविधान सभा ने नए स्वतंत्र भारत के लिए संविधान बनाने की प्रक्रिया पूरी की थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि संविधान सभा द्वारा निर्मित संविधान केवल एक आधिकारिक दस्तावेज नहीं था, बल्कि यह लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति था।

 

    विपक्षी कांग्रेस पर परोक्ष हमला करते हुए श्री सिंह ने कहा कि हाल के वर्षों में संविधान को केवल एक विशेष पार्टी के योगदान के रूप में पेश करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि संविधान किसी एक पार्टी का योगदान नहीं, बल्कि भारतीय मूल्यों के अनुरूप एक अद्वितीय, परिवर्तनकारी दस्तावेज है।

 

श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार भारत के संविधान में वर्णित धर्म के अनुरूप भी काम कर रही है।

 

श्री सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान प्रगतिशील, समावेशी और परिवर्तनकारी है। उन्होंने कहा कि यह वह देश है जहां गरीब परिवार में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी देश का प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बन सकता है।

 

    रक्षामंत्री ने कहा कि संविधान निर्माण में कई नेताओं के योगदान की जानबूझकर अनदेखी की गई। उन्होंने कहा कि मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय, भगत सिंह, वीर सावरकर जैसे नेताओं के विचारों ने संविधान को मजबूत किया है।

 

    चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि संविधान नागरिकों को सुरक्षित रखने का सुरक्षा कवच है। उन्होंने कहा कि यह न्याय, एकता और अभिव्यक्ति के अधिकार का कवच है। सुश्री वाड्रा ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष ने इस सुरक्षा कवच को तोड़ने का प्रयास किया है।

 

    चर्चा में भाग लेते हुए समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान लोकतंत्र की आत्मा है। उन्होंने कहा कि सदन 75 वर्ष बाद फिर संविधान पर चर्चा कर रहा है। श्री यादव ने कहा कि संविधान देश के प्रताडित और वंचित लोगों का सच्चा रक्षक है। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधित्व और आरक्षण की कमी के कारण कई समुदाय पीड़ित हैं।

 

    डीएमके के टी आर बालू ने कहा कि संविधान केवल कानून, अधिकार और कर्तव्य की पुस्‍तक मात्र नहीं है, बल्कि स्वतंत्र भारत की पहली पीढ़ी के नेताओं का दृष्टिकोण है जो देश का मार्गदर्शन करता है।

 

    जनता दल यूनाइटेड के सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि संविधान से छेड़छाड़ करने वालों को उनकी जगह दिखाई जाएगी। श्री सिंह ने आपातकाल लगाने और अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग कर चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराने के लिए कांग्रेस की आलोचना की।

 

    तृणमूल कांग्रेस के कल्‍याण बनर्जी, तेलुगुदेशम पार्टी के बायरेड्डी शाबरी, शिवसेना यूबीटी के अरविंद सावंत, भाजपा के जगदम्बिका पाल और भृर्तहरि महताब, एनसीपी – शरद पवार गुट के अमोल रामसिंह कोहले, लोक जनशक्ति पार्टी की शाम्‍भवी चौधरी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, जनता दल सेक्‍युलर के मल्‍लेश बाबू और कई अन्‍य सदस्‍यों ने चर्चा में भाग लिया।

 

    इससे पहले तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा सीबीआई के न्‍यायाधीश बी. एच. लोया की मौत से जुडे मामले पर टिप्‍पणी के बाद लोकसभा की कार्यवाही दो बार कुछ समय के लिए बाधित हुई। 

 

     बाद में सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्‍थगित कर दी गई। इस विषय पर अभी चर्चा पूरी नहीं हुई है।

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