म्यामां में पिछले सप्ताह आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या दो हजार सात सौ से अधिक हो गई है। वहां के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने अपने टेलीविज़न संबोधन में बताया कि इस शक्तिशाली भूकंप में मरने वालों की संख्या दो हजार सात सौ उन्नीस तक पहुंच गई है और यह संख्या तीन हज़ार से अधिक होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि चार हजार पांच सौ इक्कीस लोग घायल हुए हैं और चार सौ इक्तालीस लापता हैं।
शुक्रवार को देश के मांडले क्षेत्र में सात दशमलव सात तीव्रता का भूकंप आया था। इसके कुछ ही मिनटों बाद छह दशमलव चार तीव्रता का एक और झटका आया, जिससे कई देशों में भारी जनहानि और क्षति हुई। थाईलैंड, वियतनाम, लाओस और दक्षिण-पश्चिम चीन में भी भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए थे।
इस बीच, म्यामां में बचाव अभियान पूरे ज़ोरों पर चल रहा है। भारत, ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत, शनिवार से आपातकालीन सहायता, बचाव तथा चिकित्सा पेशेवरों की एक टीम, भोजन, पानी, टेंट, दवाइयां और आवश्यक आपूर्ति सहित राहत सामग्री उपलब्ध करा रहा है।
भारतीय नौसेना कई जहाजों के जरिए यंगून में महत्वपूर्ण सहायता पहुंचा रही है। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया है कि ऑपरेशन ब्रह्मा के अंतर्गत भारतीय वायु सेना का सी-130 जे. विमान आज सुबह 16 टन आवश्यक मानवीय सहायता, चावल और आवश्यक खाद्य पदार्थों के साथ दिल्ली से मांडले के लिए रवाना हुआ।
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस घड़ियाल 442 मीट्रिक टन आवश्यक खाद्य पदार्थों के साथ विशाखापत्तनम से रवाना हुआ। डॉ जयशंकर ने बताया कि भारतीय सेना की फील्ड अस्पताल इकाई को मांडले में शुरू की जा चुकी है।
आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री कल 40 टन राहत सामग्री लेकर पहुंचे। भारतीय वायुसेना के दो, सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों के जरिए तैनात 118 कर्मियों वाली यह चिकित्सा सुविधा, लोगों को शल्य चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रही है।