अगस्त के दौरान देश का औद्योगिक उत्पादन शून्य दशमलव एक प्रतिशत के स्तर पर दर्ज हुआ। हालांकि जुलाई के दौरान औद्योगिक उत्पादन चार दशमलव सात प्रतिशत दर्ज हुआ था। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन के तीन प्रमुख कारक खनन में चार दशमलव तीन प्रतिशत की गिरावट रही। बिजली में तीन दशमलव सात प्रतिशत की गिरावट रही जबकि उत्पादन क्षेत्र में एक प्रतिशत की बढ़त भी दर्ज हुई।
पूंजीगत वस्तुओं में शून्य दशमलव सात प्रतिशत की बढ़त रही। निर्माण क्षेत्र की वस्तुओं में एक दशमलव नौ प्रतिशत और कन्ज्यूमर ड्यूरेबल में पांच दशमलव दो प्रतिशत की बढ़त रही। हालांकि प्राथमिक वस्तुओं की वृद्धिदर में दो दशमलव छह प्रतिशत की गिरावट रही जबकि कन्ज़्यूमर नॉन ड्यूरेबल में साढ़े चार प्रतिशत की कमी आई।