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दिसम्बर 9, 2024 4:12 अपराह्न

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आत्‍मनिर्भर बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है देशः प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि देश आत्‍मनिर्भर बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है। आत्‍मनिर्भर भारत अभियान वैश्विक है और इसका असर भी वैश्विक है। इसके लिए सरकार एक समग्र दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रही है। श्री मोदी जयपुर में आज उभरता राजस्‍थान वैश्विक निवेश शिखर सम्‍मेलन के उद्घाटन के बाद यह बात कही।

 

श्री मोदी ने कहा कि विश्‍व के निवेशक और विशेषज्ञ भारत को लेकर काफी उत्‍साहित हैं। रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र का पालन करके भारत द्वारा हर क्षेत्र में हासिल किया गया विकास दिख रहा है।

 

उन्‍होंने कहा कि स्‍वाधीनता प्राप्ति के सात दशक बाद भारत विश्‍व की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बना है लेकिन पिछले एक दशक में देश में असाधारण वृद्धि देखी गई है। यह विश्‍व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन चुका है।

 

    श्री मोदी ने कहा कि भारत की सफलता लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, डिजिटल डेटा और डिलिवरी की शक्ति में प्रदर्शित होती है। उन्‍होंने कहा कि यह आयाम देश के विकास में एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में लोकतंत्र मजबूत है। युवा आबादी और आंकडे देश को विकास की राह पर आगे ले जाने के लिए महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

 

राजस्‍थान में निवेश के लिए आवश्‍यक बुनियादी सुविधाओं का उल्‍लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि अगर राजस्‍थान विकास की नई ऊंचाइयों को छूता है तो देश भी एक नई ऊंचाई तक पहुंचेगा। उन्‍होंने कहा कि राजस्‍थान  ना सिर्फ विकसित हो रहा है बल्कि यह विश्‍वसनीय भी है। प्राकृतिक संसाधनों के भंडार, आधुनिक कनेक्टिविटी के नेटवर्क, समृद्ध विरासत, लैंड मार्क और सक्षम युवा शक्ति का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सभी विशेषताएं निवेश आकर्षित करने के लिए राजस्‍थान को एक महत्‍वपूर्ण राज्‍य बनाती है।

 

     प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में विदेशी पर्यटकों की संख्‍या निरंतर बढ़ रही है और घरेलू पर्यटन में भी निरंतर नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। वैश्विक आपूर्ति और मूल्‍य श्रृंखला से संबंधित समस्‍याओं को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बड़े विनिर्माण आधार का होना बहुत महत्‍वपूर्ण है। यह ना सिर्फ देश बल्कि विश्‍व के लिए भी आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि इस जिम्‍मेदारी को समझकर भारत ने आत्‍मनिर्भर बनने का संकल्‍प लिया है।

 

    प्रधानमंत्री ने कहा कि सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम -एमएसएमई किसी देश की अर्थव्‍यवस्‍था को सशक्‍त बनाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सरकार अपनी नीतियों और फैसलों के साथ एमएसएमई क्षेत्र को निरंतर सशक्‍त बना रही है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा बदल दी है ताकि इस क्षेत्र को विकास के नए अवसर मिल सके।

 

    इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्‍यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सरकार ने अगले पांच वर्षों में राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था को दोगुना करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि यह शिखर सम्‍मेलन विकसित भारत और विकसित राजस्‍थान के संकल्‍प को साकार करने में बहुत महत्‍वपूर्ण साबित होगा।

 

अनिल अग्रवाल, करण अडाणी, कुमार मंगलम बिड़ला और आनंद महिन्‍द्रा जैसे शीर्ष उद्योगपतियों ने भी इस कार्यक्रम में अपने विचार व्‍यक्‍त किए। इस तीन दिवसीय शिखर सम्‍मेलन में देश और विदेश के पांच हजार निवेशक, उद्योगपति, व्‍यावसायिक संगठनों के प्रतिनिधि भागीदारी कर रहे हैं।

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