नौवें सिख गुरू, गुरू तेगबहादुर जी का आज तीन सौ पचासवां शहीदी दिवस है। वर्ष 1675 में मुगल बादशाह औरंगजेब के आदेश पर उन्हें मौत के घाट उतारा गया था। इस दिन को शहीदी दिवस कहा जाता है। गुरू तेगबहादुर ने पूरे देश में गुरूनानक देव के संदेशों का प्रसार किया। उन्होंने 116 शबद और 15 रागों की रचना की। उनके संदेश आदि ग्रंथ में निहित हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरू तेग बहादुर के बलिदान दिवस पर श्रृद्धाजंलि अर्पित की है। राष्ट्रपति ने कहा कि सत्य, न्याय और मानवता की रक्षा के लिए उनके बलिदान ने लोगों को एकता के सूत्र में पिरोया। उनके संदेशों ने सत्य और न्याय का मार्ग अपनाने को प्रेरित किया। हिन्द दी चादर के संबोधन से याद किए जाने वाले गुरू तेग बहादुर ने 1675 में अपने प्राणो की आहुति दी थी।