उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा है कि विकसित और आत्मनिर्भर भारत की ओर देश की यात्रा समानता, न्याय, स्वतंत्रता और बंधुत्व के संवैधानिक सिद्धांतों से प्रेरित है। आज दिल्ली विधानसभा में संविधान दिवस समारोह के दौरान कॉफ़ी बुक टेबल का शुभारंभ करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि संविधान ज्ञान से उत्पन्न हुआ है और यह भारत की आत्मा है।
इसके अलावा, श्री राधाकृष्णन ने भारत के दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने और यहां के 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने की सरकार की हालिया उपलब्धियों की सराहना की।
इस कार्यक्रम में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी शामिल हुईं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि संविधान सभी भारतीयों की जीवन रेखा है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि संविधान सभी नागरिकों को एक सूत्र में पिरोने की भूमिका निभाता है।