केंद्र सरकार ने 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने, महाराष्ट्र का वधावन बंदरगाह विकसित करने और गुजरात तथा तमिलनाडु में पहला पवन टर्मिनल विकसित करने का निर्णय लिया है। सरकार ने वाराणसी हवाई अड्डे के विकास और राष्ट्रीय फोरेंसिक अवसंरचना वृद्धि योजना के लिए भी फैसले लिए हैं।
नई दिल्ली में आज मीडिया को संबोधित करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने कैबिनेट बैठक में पांच बड़े फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने 14 फसलों पर विपणन सत्र 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य -एमएसपी को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि धान, कपास, बाजरा, दलहन, तिलहन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि से किसानों को लाभ होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार देशभर में दो लाख गोदाम बनाने पर काम कर रही है।
श्री वैष्णव ने बताया कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के वधावन में सभी मौसम के लिए उपयुक्त ग्रीनफील्ड बंदरगाह विकसित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस बंदरगाह को बनाने में 76 हजार रुपये से अधिक की लागत आएगी और पूरा होने के बाद यह दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में से एक होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस बंदरगाह का विकास दो चरणों में किया जाएगा और इसकी क्षमता 23 मिलियन बीस-फुट समतुल्य इकाई होगी। उन्होंने कहा, यह बंदरगाह आने वाले वर्षों में लगभग 12 लाख रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
श्री वैष्णव ने बताया कि सरकार देश में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है और इस दिशा में सरकार ने पहले तटीय पवन टर्मिनल विकसित करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, गुजरात और तमिलनाडु में 500 मेगावाट क्षमता वाली दो परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
श्री वैष्णव ने यह भी बताया कि कैबिनेट ने दो हजार 869 करोड़ रुपये की लागत से वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए हवाई अड्डे को हरित हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया जाएगा। एक अन्य निर्णय के बारे में बात करते हुए श्री वैष्णव ने कहा कि कैबिनेट ने राष्ट्रीय फोरेंसिक बुनियादी ढांचा संवर्धन योजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत देश भर में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के ऑफ कैंपस की स्थापना की जाएगी।