2016-17 से 2021-22 के दौरान ग्रामीण परिवारों की औसत मासिक आय 57 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के दूसरे अखिल भारतीय ग्रामीण वित्तीय समावेशन सर्वेक्षण के अनुसार औसत मासिक आय 2016-17 में 8,059 रुपये से बढ़कर 2021-22 में 12,698 रुपये हो गई।
परिवारों का औसत मासिक खर्च भी 6,600 रुपये से बढ़कर 11,200 रुपये से अधिक हो गया।
सर्वेक्षण के अनुसार वित्तीय बचत में भी वृद्धि हुई। इस दौरान औसत घरेलू बचत लगभग 9,100 रुपये से बढ़कर 13,200 रुपये से अधिक हो गई। 2021-22 में लगभग 66 प्रतिशत परिवारों ने बचत की सूचना दी जो 2016-17 में 50 दशमलव छह प्रतिशत से अधिक है। ग्रामीण परिवारों में बीमा कवरेज में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कम से कम एक सदस्य के बीमा वाले परिवारों का अनुपात साढ़े पच्चीस प्रतिशत से बढ़कर 80 प्रतिशत से अधिक हो गया है।
सर्वेक्षण में ग्रामीण किसानों के बीच वित्तीय समावेशन के विस्तार में किसान क्रेडिट कार्ड की प्रभावशीलता के बारे में भी बताया गया है। पेंशन कवरेज में सुधार हुआ है जो लगभग 19 प्रतिशत से बढ़कर साढ़े 23 प्रतिशत परिवारों तक पहुंच गया है।
वही, बकाया कर्ज वाले परिवारों का अनुपात 47 प्रतिशत से बढ़कर 52 प्रतिशत हो गया।