22वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन रक्षा, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित करेगा। विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने आज नई दिल्ली में यह जानकारी दी। सोमवार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिन की रूस और ऑस्ट्रिया की यात्रा पर श्री क्वात्रा ने कहा कि श्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों देशों के बीच बहुमुखी संबंधों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों नेता आपसी हित के समसामयिक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों नेता ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन, जी-20, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और संयुक्त राष्ट्र में द्विपक्षीय संबंधों का भी आकलन करेंगे। श्री क्वात्रा ने कहा कि रूसी सेना में गुमराह किए गए भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई के मुद्दे पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मॉस्को में भारतीय समुदाय से साथ बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच एक विशेष साझेदारी है जो कई भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद बनी हुई है। द्विपक्षीय व्यापार पर श्री क्वात्रा ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसमें तेज वृद्धि देखी गई है और यह मुख्य रूप से ऊर्जा सहयोग के कारण 65 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि रूस से भारतीय आयात 60 अरब डॉलर के करीब है जबकि निर्यात 4 अरब डॉलर का है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा, बैंकिंग, रेलवे और इस्पात साझेदारी के बढ़ते क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि रूस देश की ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण भागीदार बना हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऑस्ट्रिया यात्रा पर विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मंगलवार और बुधवार को ऑस्ट्रिया की यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा होगी। उन्होंने कहा कि श्री मोदी ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन और ऑस्ट्रिया के चांसलर कार्ल नेहमर के साथ बातचीत करेंगे। द्विपक्षीय संबंधों पर श्री क्वात्रा ने कहा कि ऑस्ट्रिया बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा और उच्च प्रौद्योगिकियों सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग में उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों ने पिछले वर्षों में प्रगति हुई है।