प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आतंकवाद के किसी भी रूप या उसके आविर्भाव को न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को उन देशों की हरकतों को उजागर करके अलग-थलग करना चाहिए, जो आतंकवादियों को बढ़ावा देते हैं, सुरक्षित पनाह देते हैं और उनकी करतूतों को माफ कर देते हैं।
ये टिप्पणियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में की। प्रधानमंत्री ने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के मूल लक्ष्यों में से एक-आतंकवाद से निपटने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद पर काबू पाने के लिए निर्णायक कार्रवाई की आवश्यकता है। आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए वित्तपोषण और भर्ती का दृढ़ता से मुकाबला किया जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं में कट्टरपंथ के प्रसार को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बैठक महामारी के प्रभाव, जारी संघर्षों, बढ़ते आतंकवाद, विश्वास की कमी और दुनियाभर में हॉटस्पॉट की बढ़ती संख्या की पृष्ठभूमि में हो रही है। इस बैठक का उद्देश्य इन घटनाक्रमों के परिणामों की गंभीरता कम करने का तरीका खोजना है।
प्रधानमंत्री ने भारत की अध्यक्षता के दौरान आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों जैसे एससीओ मोटे अनाज उत्सव, एससीओ फिल्मोत्सव, एससीओ सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला, एससीओ थिंक-टैंक सम्मेलन और साझी बौद्ध विरासत पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उल्लेख करते हुए इन प्रयासों के लिए भारत के सहयोग की पुष्टि की।
श्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्सर्जन में कमी लाने की प्रतिबद्धता की दिशा में काम किया जा रहा है। इन प्रयासों में वैकल्पिक ईंधन के उपयोग, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा और जलवायु परिवर्तन संरचना का निर्माण शामिल है।
श्री मोदी ने टिप्पणी की कि आर्थिक विकास के लिए मजबूत कनेक्टिविटी की आवश्यकता होती है जो समाजों के बीच सहयोग और विश्वास का मार्ग भी प्रशस्त कर सकती है। तकनीकी प्रगति के बारे में बात करते हुए श्री मोदी ने प्रौद्योगिकी को रचनात्मक बनाने और इसे समाज के कल्याण तथा प्रगति में लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने और एआई मिशन शुरू करने वाले देशों में शामिल है।
श्री मोदी ने आगे कहा कि यह संगठन लोगों को एकजुट, विकसित और समृद्ध करने का अनूठा मंच है, जो सहस्राब्दी पुराने सिद्धांत – वसुधैव कुटुंबकम के अनुरूप है जिसका अर्थ है ‘पूरी दुनिया एक परिवार है।
श्री मोदी ने राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको को बधाई दी और संगठन के नए सदस्य के रूप में बेलारूस का स्वागत किया।