प्रदेश के तवा जलाशय को रामसर साइट के रूप में मान्यता मिली है। इससे देश में रामसर साइट की सूची 82 से बढ़कर 85 हो गई है। केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने अपने ट्वीट में बधाई देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के तवा जलाशय को रामसर साइट के रूप में जोड़ा गया है। पर्यावरण मंत्री राम निवास रावत ने भी अधिकारियों की टीम को बधाई दी है। तवा जलाशय, तवा और देनवा नदियों के संगम पर है। तवा की प्रमुख सहायक नदियाँ मलानी, सोनभद्र, और नागद्वारी हैं। तवा नदी महादेव पहाड़ियों से उत्पन्न होती है, बैतूल जिले से बहती है और नर्मदापुरम जिले में नर्मदा नदी से मिलती है। जलाशय जल जीवों और वन्य जीवों के लिए महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से पक्षियों और जंगली जानवरों के लिए। यहाँ कई दुर्लभ और संकटग्रस्त पौधों, सरीसृपों और कीटों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह स्थानीय और प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास है। भारत ने 1971 में ईरान के रामसर में कन्वेंशन में सहभागी बनने के लिए हस्ताक्षर किए थे और 1 फरवरी 1982 को इस कन्वेंशन में शामिल हुआ। वर्ष 1982 से 2013 तक, कुल 26 साइट्स को रामसर साइट्स की सूची में जोड़ा गया, जबकि 2014 से 2024 तक, देश ने 59 नई वेटलैंडस को रामसर साइट्स की सूची में जोड़ा है।
Site Admin | अगस्त 15, 2024 1:28 अपराह्न
प्रदेश के तवा जलाशय को रामसर साइट के रूप में मिली मान्यता
