नेपाल में जारी राजनीतिक हलचल के बीच राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल, नेपाली सेना प्रमुख अशोकराज सिगडेल और युवा प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों के बीच आज अंतरिम सरकार का नेतृत्व तय करने के लिए बातचीत होगी। सूत्रों के अनुसार, युवा प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना है।
युवाओं की नेपाल की सेना के साथ चर्चा में प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित कार्यपालिका प्रणाली, युवाओं को शामिल करने के लिए संघीय संसद का चुनाव, 2046 ईसा पूर्व यानी 1989 ईस्वी के बाद सार्वजनिक पद धारण करने वाले सभी अधिकारियों की संपत्ति की जांच जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान भ्रष्टाचार के मामलों की न्यायिक जांच और भ्रष्ट सांसदों को मंत्री बनने से रोकने की व्यवस्था करने सहित कई और मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
इस बीच, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने युवाओं के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन पर अपनी पार्टी की आधिकारिक स्थिति पर विस्तृत 10 सूत्री प्रेस वक्तव्य जारी किया है। इसमें एकजुटता व्यक्त करते हुए संयम बरतने और हिंसा की स्वतंत्र न्यायिक जांच का आह्वान किया गया है। शांति और संवाद का आह्वान करते हुए, श्री प्रचंड ने नागरिकों से सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने का आग्रह किया है। उन्होंने प्रगतिशील बदलाव, सुशासन और समावेशी लोकतंत्र का समर्थन करने के लिए अपनी पार्टी की तत्परता व्यक्त की। श्री प्रचंड ने कहा कि युवा प्रदर्शनकारियों का एजेंडा उनकी पार्टी की लंबे समय से चली आ रही मांगों के अनुरूप है। जिसमें सीधे निर्वाचित कार्यकारी नेतृत्व, शीर्ष अधिकारियों की संपत्ति की जांच और समावेशिता तथा सामाजिक न्याय के मजबूत उपाय शामिल हैं। उन्होंने दोहराया कि आंदोलन को संवैधानिक और लोकतांत्रिक ढांचे के भीतर रहना चाहिए। उन्होंने चेताया कि असंवैधानिक गतिविधियों से विरोधी ताकतों को लाभ हो सकता है।