इस्पात और भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा है कि संधारणीयता अब एक विकल्प नहीं बल्कि धरती के कल्याण के लिए एक आवश्यक बाध्यता है। हरित इस्पात रिपोर्ट के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए श्री कुमारस्वामी ने कहा कि इस्पात जैसे एक क्षेत्र का पर्यावरण पर व्यापक प्रभाव पडता है, इसलिए संधारणीयता के लिए आवश्यक परिवर्तन किये जाने चाहिए।
श्री कुमारस्वामी ने हरित इस्पात: संधारणीयता का मार्ग रिपोर्ट का भी शुभारंभ किया। यह रिपोर्ट इस्पात उद्योगों को कार्बन रहित बनाने पर केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट हरित इस्पात को लेकर जानकारी प्राप्त करने और उद्योग की सतत कार्यप्रणालियों में उद्योग पेशेवर, विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के लिए सहायक होगी।
आकाशवाणी से बातचीत में भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड-एसएआईएल के तकनीकी विभाग के निर्देशक अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि एसएआईएल ब्लास्ट फर्नेस के माध्यम से इस्पात उत्पादन सुधारने और कार्बन पद चिह्न कम करने के लिए काम कर रहा है।
इस्पात और भारी उद्योगों के पूर्व सचिव संजय कुमार सिंह ने आकाशवाणी समाचार को बताया कि उद्योग और सरकार को हरित इस्पात के उपयोग के लिए मजबूत प्रोत्साहन देने की आवश्कता है।