राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आईआईटी-आईएसएम धनबाद के स्नातक विद्यार्थियों से कहा है कि वे 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाएं। राष्ट्रपति ने आज झारखंड की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन धनबाद में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान – भारतीय खनन विद्यापीठ धनबाद के 45वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
श्रीमती मुर्मु ने कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरी में प्रथम स्थान पाने वाले बीटेक-स्नातक, प्रियांशु शर्मा को राष्ट्रपति ने स्वर्ण पदक प्रदान किया। राष्ट्रपति ने तकनीकी संस्थान की स्थापना के 100 गौरवशाली वर्षों के उपलक्ष्य में एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी. के. मिश्रा को भी डीएससी की उपाधि से सम्मानित किया गया।
संस्थान के गौरवशाली अतीत की प्रशंसा करते हुए, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तीर्ण विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे समस्याओं के सरल समाधान के लिए अनुसंधान और नवाचार के साथ-साथ नई प्रणालियों और तकनीकी प्रगति को अपनाएँ। उन्होंने कहा कि आईआईटी जैसे तकनीकी संस्थानों को अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त बौद्धिक इंजीनियर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसके विशाल मानव संसाधन हैं। तकनीकी शिक्षा तक बढ़ती पहुँच और डिजिटल कौशल का प्रसार भारत को तकनीकी महाशक्ति बनाने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक, नवाचार-केंद्रित और उद्योग-अनुकूल बनाने से देश के युवाओं की प्रतिभा को सही दिशा मिलेगी और वे वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ सकेंगे।
राष्ट्रपति ने प्रौद्योगिकी के उपयोग से लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए जनजातीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के संस्थान के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने जनजातीय लोगों के लिए नई प्रथाएं शुरू करने और डिजिटल शिक्षण समाधान प्रदान करने के संस्थान के लक्ष्य की भी सराहना की।
इससे पहले राष्ट्रपति ने संस्थान में स्थापित अटल नवाचार केंद्र में आदिवासी महिलाओं द्वारा सामुदायिक नवाचार पर लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। दीक्षांत समारोह में, एक हजार 55 स्नातक और 711 स्नातकोत्तर सहित कुल एक हजार 880 छात्रों को विभिन्न विषयों में उपाधियाँ प्रदान की गईं। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, राज्यपाल संतोष गंगवार और झारखंड के उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार भी उपस्थित थे।