राज्य मंत्रिपरिषद ने पंचायत और निकाय चुनाव में आरक्षण के संबंध में आज एक बड़ा फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की आज रायपुर में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की रिपोर्ट और उसकी अनुशंसा के अनुसार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके तहत स्थानीय निकायों में आरक्षण को एकमुश्त सीमा पच्चीस प्रतिशत को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में पचास प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक आरक्षण प्रदान किया जाएगा। ऐसे निकाय जहां पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति का आरक्षण कुल मिलाकर पचास प्रतिशत या उससे अधिक है, वहां अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण उस निकाय में शून्य होगा। यदि अनुसूचित जाति, जनजाति का आरक्षण निकाय में पचास प्रतिशत से कम है, तो उस निकाय में अधिकतम पचास प्रतिशत की सीमा तक अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण होगा, परंतु यह आरक्षण उस निकाय की अन्य पिछड़ा वर्ग के आबादी से अधिक नहीं होगा। निकाय के जिन पदों के आरक्षण राज्य स्तर से तय होते हैं जैसे जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष इत्यादि, उन पदों के लिए ऐसे निकायों की कुल जनसंख्या के आधार पर उपरोक्त सिद्धांत का पालन करते हुए आरक्षित पदों की संख्या तय की जाएगी।
मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ करने का भी निर्णय लिया है। इस योजना के तहत राज्य के साठ वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति, दिव्यांगजन, विधवा, परित्यक महिलाओं को उनके जीवनकाल में एक बार प्रदेश के बाहर स्थित चिंहिंत तीर्थ स्थानों में से एक या एक से अधिक स्थानों की निःशुल्क यात्रा कराई जाएगी।
मंत्रिपरिषद ने शिक्षक संवर्ग के संतानवे शिक्षकों का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किए जाने का भी अनुमोदन किया है। इसके अलावा स्कूल शिक्षा विभाग के प्राचार्यों को वर्ष दो हजार सात से दो हजार उन्नीस तक प्रथम मतांकन के आधार पर प्रथम और द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत करने के लिए मात्र एक बार की छूट देने का मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया है। मंत्रिपरिषद ने राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति के प्रारूप का भी आज अनुमोदन किया। यह नीति आगामी एक नवंबर से लागू हो जाएगी और इकतीस अक्टूबर वर्ष दो हजार उनतीस तक प्रभावशील रहेगी।
आज मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ विजन डाक्यूमेंट के प्रारूप का भी अनुमोदन किया। इसके अलावा नवा रायपुर में सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवाएं, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल उद्योगों के साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं को रियायती दर पर भूखंड आवंटित करने का निर्णय लिया गया।