केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्ष के जासूसी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि संचार साथी ऐप के साथ जासूसी न तो संभव है और न ही होगी। आज लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि उपयोगकर्ता अपनी सुविधानुसार पंजीकरण करके ऐप को सक्रिय कर सकते हैं और इससे लाभांवित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि उपयोगकर्ता इसे किसी भी समय अपने उपकरणों से निष्क्रिय या हटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने नागरिकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए यह सुविधा प्रदान की है। देश में एक अरब मोबाइल उपयोगकर्ता हैं और उपयोगकर्ताओं को साइबर धोखाधड़ी से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से संचार साथी पोर्टल 2023 में और इसका ऐप 2025 में लॉन्च किया गया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि नागरिकों से इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। 20 करोड़ लोगों ने संचार साथी पोर्टल को देखा हैं जबकि 1.5 करोड़ लोगों ने ऐप को डाउनलोड किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि इस पोर्टल और ऐप के आधार पर 1.5 करोड़ फर्जी मोबाइल फोन कनेक्शन काटे गए हैं जबकि 26 लाख चोरी हुए मोबाइल हैंडसेटों का पता लगाया गया है, जिनमें से 7 लाख उनके मालिकों को वापस कर दिए गए हैं।
संचार साथी एक ऐप और पोर्टल दोनों है जो नागरिकों को पारदर्शी और उपयोग में आसान टूल के ज़रिए खुद को सुरक्षित रखने में सक्षम बनाता है। संचार साथी उपयोगकर्ताओं को कॉल लॉग से सीधे संदिग्ध धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने की सुविधा देता है, जिससे जागरूक नागरिक कम जागरूक उपयोगकर्ताओं की सक्रिय रूप से सुरक्षा कर पाते हैं।