सूक्ष्म, लघु तथा मध्यय उद्यम मंत्रालय ने 2 अक्टूबर से सूत कातने वालों के वेतन में 25 प्रतिशत और करघा चलाने वालों के वेतन में 7 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है। यह घोषणा पिछले महीने की 17 तारीक को की गई थी।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि सूत कातने वालों को पहले प्रति लच्छे दस रुपये मिलते थे जिसे बढाकर 12 रुपये 50 पैसे कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के दौरान वेतन में लगभग 213 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो खादी के जरिये ग्रामीण भारत के आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक है।
उन्होंने खादी उत्पादों पर 20 प्रतिशत और ग्रामोद्योग उत्पादों पर 10 प्रतिशत छूट की भी घोषणा की। श्री कुमार ने बताया कि पूरे देश में खादी के उत्पादों पर यह छूट 2 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक दी जाएगी।
श्री कुमार ने खादी क्रांति के जरिये सूत कातने वालों और करघा चलाने वालों के जीवन में परिवर्तन लाने का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को दिया। उन्होंने कहा कि खादी क्षेत्र का व्यवसाय पिछले वित्त वर्ष में एक लाख 55 हजार करोड रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।