भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर विशेष-चर्चा आज लोकसभा में फिर शुरू हुई। चर्चा में भाग लेते हुए संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने संविधान निर्माण में डॉक्टर भीम राव अम्बेडर के योगदान की सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संविधान की भावना के अनुरूप सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश ने स्वतंत्रता के बाद प्रत्येक नागरिक के लिए समान अधिकार सुनिश्चित किए हैं।
श्री रिजिजू ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों के साथ कोई भेदभाव नहीं और अल्पसंख्यकों को कानूनी संरक्षण प्राप्त है। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि देश में छह अल्पसंख्य समुदायों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि लोगों को भारत के बारे में बोलते समय सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि इससे दुनिया में देश की छवि प्रभावित होती है।
श्री रिजिजू ने 2014 में एनडीए सरकार बनने के बाद पूर्वोत्तर में हुए विकास का उल्लेख करते हुए आंकडे भी साझा किये। उन्होंने कहा कि 1947 से 2014 के बीच पूर्वोत्तर में नौ हवाई अड्डे बने थे जबकि पिछले दस वर्षों में उनकी संख्या बढ़कर 17 हो गई है।
इसी प्रकार 2014 तक क्षेत्र में लगभग 11 हजार किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बने थे और पिछले दस वर्षों में 16 हजार किलोमीटर से अधिक राजमार्ग तैयार किये गये हैं।
चर्चा में भाग लेते हुए डीएमके पार्टी के ए0 राजा ने लोकतंत्र, कानून का शासन, धर्म-निरपेक्षता और समानता का मुद्दा उठाया। इस दौरान सत्तारूढ़ सदस्यों के खिलाफ ए. राजा की टिप्पणी को लेकर सत्तापक्ष और डीएमके के सदस्यों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई।
सत्तारूढ़ सदस्यों ने ए. राजा की टिप्पणी पर आपत्ति व्यक्त करते हुए उनसे माफी की मांग की। पीठासीन श्री जगदम्बिका पाल ने श्री राजा से कहा कि उन्हें किसी के खिलाफ ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए और उस टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटा दिया।
तेलुगु देशम पार्टी के लावु श्री कृष्णा देवरायालु ने कहा कि डॉक्टर बी. आर. अम्बेडकर के साथ 389 सदस्य भी संविधान निर्माण की प्रक्रिया में शामिल किए गये थे।