दक्षिण अफ्रीका के अग्रणी डिजिटल प्रकाशन- आई.ओ.एल. न्यूज ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच प्रगाढ परस्पर सम्मान, विश्वास और दीर्घकालिक संबंधों का उल्लेख किया है। इसका कहना है कि इस वर्ष के जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी न सिर्फ एक अत्यधिक अनुभवी राजनेता हैं बल्कि महत्वपूर्ण वैश्विक नेताओं में से एक हैं।
इस खबर में भारत-दक्षिण अफ्रीका के संबंधों की ऐतिहासिक गहराई और रणनीतिक शक्ति पर भी बल दिया गया है। डिजिटल प्रकाशन वर्ष 2023 में भारत की जी-20 की अध्यक्षता के अंतर्गत अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है। जी-20 की स्थाई सदस्यता अफ्रीका की वैश्विक स्थिति में एक परिवर्तनकारी कदम है। आई.ओ.एल ने भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान श्री मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व का भी उल्लेख किया है। वैश्विक आकांक्षाओं को आकार देने में उनका नेतृत्व किस तरह सहायक साबित हुआ, इसका उल्लेख भी डिजिटल प्रकाशन में किया गया है।
रंगभेद संघर्ष के विरुद्ध भारत के अटूट समर्थन और डरबन में महात्मा गांधी की प्रारंभिक सक्रियता से लेकर द्विपक्षीय संबंधों की जड़ों का उल्लेख इस लेख में किया गया है। यह इस साझा विरासत के विस्तार के रूप में मौजूदा समय की साझेदारी का परिचायक है।
डिजिटल प्रकाशन का लेख दक्षिण अफ्रीकी भारतीय मूल के जीवंत समुदाय, सशक्त व्यापार और निवेश संबंध, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के बीच गर्मजोशीपूर्ण व्यक्तिगत संबंध तथा बढ़ते राजनीतिक संपर्क के रूप में संबंधों के कईं स्तंभों को दर्शाता है।
लेख में दक्षिण अफ्रीका का भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच-आईबीएसए मंच में और बाद में ब्रिक्स में शामिल किए जाने में समर्थन देने के लिए भी भारत की भूमिका की सराहना की गई है। डिजिटल प्रकाशन का कहना है कि अनिश्चितता के बीच पिछले वर्ष के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री अपनी भागीदारी की पुष्टि करने वाले पहले प्रमुख नेता थे। प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी एक सफल सम्मेलन का मंच तैयार करने में सहायक साबित हुई।
आईओएल का कहना है कि आर्थिक मोर्चे पर भारत दक्षिण अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 18 अरब डॉलर से भी अधिक है। दक्षिण अफ्रीका से भारत को किए जाने वाले निर्यातों में सोना, कोयला, तांबा और फॉसफोरिक एसिड शामिल हैं। वहीं भारत दक्षिण अफ्रीका को पेट्रोलियम उत्पाद, वाहन, औषधि और मशीनरी का निर्यात करता है। वहां के खनन, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढ़ांचों में निवेश के जरिए रोजगार सृजित भी हो रहे हैं।