भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड – सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों का खंडन किया है। सेबी ने कहा है कि उसके पास हितों के टकराव से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए पर्याप्त आंतरिक तंत्र हैं, जिसमें प्रकटीकरण ढांचा और अस्वीकृति का प्रावधान शामिल है। उसने यह भी कहा है कि प्रतिभूतियों की होल्डिंग और उनके हस्तांतरण के संदर्भ में आवश्यक प्रासंगिक खुलासे समय-समय पर किए गए हैं। इसने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि अध्यक्ष ने हितों के संभावित टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग भी कर लिया है।
सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में किए गए दावों पर कहा है कि ये मुद्दे उचित प्रतिक्रिया की मांग करते हैं। इसमें आगे कहा गया कि अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की सेबी ने विधिवत जांच की है।
सेबी ने यह भी कहा कि वह भारत के पूंजी बाजारों की अखंडता और इसके व्यवस्थित विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।