रूस के कामचटका प्रायद्वीप पर स्थित क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी में आज 600 वर्षों में पहली बार लावा निकला है। स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि ज्वालामुखी में विस्फोट स्थानीय समय के अनुसार सुबह 2 बजकर 50 मिनट पर हुआ, जिसके कारण राख के बादल समुद्र तल से 4 किमी ऊपर तक देखे गये।
ज्वालामुखी के कारण विमानों को खतरे की चेतावनी दी गई है। अनुमान है कि ज्वालामुखी में यह विस्फोट इस सप्ताह की शुरुआत में आए 8 .7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप और बार-बार आए झटकों से जुड़ा हो सकता है।
क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी में अंतिम बार विस्फोट वर्ष 1463 के आसपास हुआ था। वैज्ञानिकों का मानना है कि हाल ही में हुई भूकंपीय गतिविधि के कारण ज्वालामुखी विस्फोट हुआ होगा।
विस्फोट के बाद राख का गुबार और धुआ पूर्व में प्रशांत महासागर की ओर बढ़ गया है, और किसी भी आबादी वाले क्षेत्र को कोई खतरा नहीं है। पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से 200 किमी उत्तर में स्थित ज्वालामुखी पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से इस क्षेत्र के अन्य सक्रिय ज्वालामुखियों के पास से यात्रा न करने का आग्रह किया है।