भारत में वर्ष 2017-18 से वर्ष 2022-23 तक ग्रामीण क्षेत्रों में महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। एक शोध पत्र के अनुसार ग्रामीण महिला श्रम शक्ति भागीदारी 24 दशमलव 6 प्रतिशत से बढ़कर 41 दशमलव पांच प्रतिशत हो गई और शहरी क्षेत्रों में यह दर 20 दशमलव चार प्रतिशत से बढ़कर 25 दशमलव चार प्रतिशत हो गई है। झारखंड और बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। पूर्वोत्तर राज्यों में भी महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में विवाहित महिलाओं की तुलना में अविवाहित महिलाओं की अधिक भागीदारी देखी गई। ग्रामीण बिहार में देश में सबसे कम महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर था, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
पूर्वोत्तर राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में इस दर में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, इनमें नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश अग्रणी राज्य हैं। शोध पत्र में कहा गया है कि ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के लिए पिछले दस वर्षों में केंद्र सरकार ने मुद्रा ऋण, ड्रोन दीदी योजना और दीनदयाल अंत्योदय सहित कई योजनाएं शुरू की हैं।